हमेशा हमारा लगता है कोई ???

हमेशा हमारा लगता है कोई
वो तो है बस मेरा अपना |
मुस्कराहट में मुरछाया काली जैसे
नींदों में खुली परछाई जैसे ||
कभी इंतज़ार कर लेता मुझे वो
कभी बेकरार करवट लेता मुझे |
चैन चीन लेता है कभी
मुस्कुराके वापस देता फिर कभी |
बातें मन की सुन लेता है कभी
कभी बातें हज़ार कर लेता मुझसे |
सौ बहाने बनाता कभी वो
सौ सवाल कर छुपता है मुझसे |

जो मेरे साथ देता रहता
मुझे समझाता है हर वक़्त
मन के अंदेरे में चुप रह कर
वो ओर नहीं बस मेरी तन्हाई…….!
बरसता है मेरे मन की अन्दर
आग बुझाता वो ठंडी आहट से |
दबी चाहतें हकीकत लगे जब
चीन लेता मन के सवाल कई |
हमेशा मेरा भीतर रहता है वो
वो तो है बस मेरा हमदम ||

End note: 

कभी कभी तन्हाई भी हमारा अच्छा साथ निभाता है,
हमारे अपनों से भी ज्यादा !!!

Image source: Pixabay

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Sandy

A freelance writer and blogger by profession since October 2011, interested in writing over a wide range of topics. Hope you enjoy my writings. I belong to one of the beautiful places of the world, Kerala, nicknamed as 'God's own country'.

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