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मृत्यु का पैग़ाम

हे मृत्यदेव …… अगर रहा होता आसान तुम्हे पाने का रास्ता तो न ही रहा होता इस धरती पे एक जीवन की बूंद, या ज़माने की कोई चिंगारी! तो फिर क्या कहूँ विधाता को...

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