हिंदी शायरी
कि चाहने लगी मैं उस हत तक
वो ग़म कि आसू भी जो मिले तुमसे
सोच में उल्चे वो मोती भी
शायद नसीब न हो कल मेरे कहने को”
फिर भी नहीं जला एक दिया
इस दिल के अंदेरे को मिटाओ को!”
जवाब हर पल तेरे इंतज़ार में
पाना हर वक़्त मेरे ख्याल में
और खोना हर रोज़ तेरे उसूलों में”
पर इसके खुशबू नहीं
एक पुराणी किताब में रखा
मुरछाया ग़ुलाब जैसा…….”
उठेगा कोई तराना फिर मेरे वीराने में
फैलेगा कोई खुशबू फिर मेरे ख़यालों में
और मिलेगा कोई जवाब मेरे सब सवालों को ।”
इस एक पल की ख़ामोशी में
कुछ तो होती मेरे अपने
एक पल ही सही एक सास ही सही”
और हज़ारों में होगा फिर कल की नज़दीकियाँ
पर होता जब बस एक ही ‘आज’
क्यों न जियो इसे पूरी मज़ा से ।”
जो है धक्की लंबी इंतज़ार से “
सब कुछ तो नहीं
थोड़ा ही सही …….🦋🦋🌈🌈“
जब तक मेरी शब्द तुम से टकराये”
जब अपना कोई हमें बस सपना बनाता है ॥”
हर ख्वाब पूरा नहीं होता
हर रात काला नहीं होता
और हर दिल को प्यार –
ज़रुरत नहीं होता…..॥”
दिल की सारी बातें
और कोई से नहीं |
बस तुम आओ एक बार
पूछो मुझसे सौ सवाल
दे दूँगी जवाब हज़ार || 💫💕🤗”
अपना कोई बस सपना बनाता हमें ॥”
हे बादल अब तो तू बरसा
सावन के आने का इंतज़ार मत कर तू
आकर भीग दे सूखे इन हरियाली को
भर दे नयी जीवन
मुरचाये इन कलियों में”
“तुम अगर नहीं आये
तो मैं रूठकर चली जाऊंगी
ये मत समझना मनाओगे –
हर एक बार कि तरह
मेरा दिल अगर टूट गया
फिर एक बार
शायद मैं नहीं रहूंगी
तुम्हे संभालने के लिए”
“सागर बनके आ
या हवा जैसे
पर आना ज़रूर”
“बरस जाते हैं बरसों बरसात जैसे
कब तक छुपोगे तुम उन बादलों के पीछे”
चाँदी और सोने की कीमत –
आँसुओ से ज़्यादा होता है कभी कभी |
माली की नज़र में हर एक फूल एक जैसा नहीं
कुछ रंग को भाये नज़र
कुछ रंग कभी नहीं ||”
“मेरा दिल चुराकर तुम चले गए
तुम्हारे दिल मैं कैसे तोड़ दूँ
दर्द तो मुझे भी होगा ना
आखिर मेरा दिल अब तो –
तुमसे ही जुड़ा है”
फिर भी मेरे पास,
मेरे साथ
मेरे आसमान में”
कोई तो कहानी चाहिए, एक जैसा”
मरते दम तक साथ लड़ेंगे तुम्हारे लिए
साथ रहेंगे हमेशा साया बनके
तुम हमें देखें या न देखें”
पर उससे भी मुश्किल होता है कभी कभी
बढ़ते प्यार को काबू में रखना
जब आग बराबर लगी हो तब
बीच में छोड़ भी नहीं सकते
सौ मुश्किलें का सामना भी होगा II
जब इज़हार हो जाए
दबी खामोशियों को छुपाना भी मुश्किल
क्या भीतर चल रही है
बयान भी नहीं कर सकते II”
टुट गया तो वापस जोड़ नहीं सकते
बस वो बिखरे मोती समेटकर
यादों की तरह रख सकते हैं”
ये सोचके तुम भी इसके इंतज़ार में होंगे
जो ज़ुबान से नहीं कह सकती
बयान करती है मेरे दिल की बात
कुछ तो बोलो
तुम्हे अच्छा लगा या नहीं..।।”
बता नहीं सकती
कुछ दर्द के रंग तो ऐसे ही है”
आओ कभी कभी मेरे पास
इन खामोशियों से अच्छा…
कुछ तो बात करो मुझसे….”
एक न एक वजा से
अपने समस्या –
हर किसी से बोल नहीं पाते
फिर भी अगर तुम्हे लगे
कि वो तकलीफ में है,
वजा न पूछो,
बस साथ रहो”
क्या तुमने उसका चेहरा देखा?
जब तुम दोनों रात भर साथ चले
क्या तुमने अंधेरे में चाँद का आँसू देखा?
अगर वो किसी और की होती
तो क्या वो हर रात आती
तुम्हारी चौखट पे?
अकेली थी चाँद हमेशा से
सुबह का भरोसा भी उड़ गया था
उसकी सुबह शुरू होती
तुम्हारे रात के अंधेरे में
तुम्हारे हाथ थामकर
जब साथ चले तो!
सच है, न तुम पूछा न हम
रिस्ता क्या हमारा
बस सोचकर चले हम दोनों
जहां तक साथ है
वहां तक चलेंगे हम”
मरने के बाद, बिलकुल एक अलग दुनिया में
कभी इंसान खुद मर जाता है, कभी एक हिस्सा
कभी पूरे मिट जाते हैं,
कभी तो आधा आधा”
बस हम ही ठहर जाते हैं
उस बीते हुए वक़्त को
लौटने की इंतज़ार में,
कभी एक या दो पल में अटकर
सब यादें समेटकर,
किसी लम्हे को दोहराने की
प्रतीक्षा लेकर
हमेशा के लिए, कभी कभी”
रस्ते में अगर
तुम मिल जाए
तो छोड़ दूँ क्या”
Image source: Pixabay
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