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दिया

  कुछ लोग आये सब तो चले गए कुछ तो बस दिये – दिखाके चले गए भटकती हूँ मैं अब भी उन गलियों के अंधेरे में कोशिश मैं सिमटे मन की आशावों को काश...

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