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हिंदी शायरी

  “लगने लगा प्यार अब उस हत तक गहरा  कि चाहने लगी मैं उस हत तक वो ग़म कि आसू भी जो मिले तुमसे सोच में उल्चे वो मोती भी शायद नसीब न हो...

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