दिया

कुछ लोग आये
सब तो चले गए
कुछ तो बस दिये –
दिखाके चले गए
भटकती हूँ मैं अब भी
उन गलियों के अंधेरे में
कोशिश मैं सिमटे मन की आशावों को
काश कोई दिया हमारे लिए भी होता!!
सब तो चले गए
कुछ तो बस दिये –
दिखाके चले गए
भटकती हूँ मैं अब भी
उन गलियों के अंधेरे में
कोशिश मैं सिमटे मन की आशावों को
काश कोई दिया हमारे लिए भी होता!!
Image source: Pixabay
(Visited 108 times, 1 visits today)
Recent Comments