Category: हिन्दी कविताएं

मेरे कुछ हिन्दी कविताएं

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रहा नहीं दिल मेरे पास

कोई कहे या रहे अनकही कोई माने या रहे नासमझ कहती हूँ मैं सच्ची बात रहा नहीं अब मेरे पास मेरा समझा अपना दिल! दिल था मेरा कांच का टुकड़ा चमकता जैसा साँच का...

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मृत्यु का पैग़ाम

हे मृत्यदेव …… अगर रहा होता आसान तुम्हे पाने का रास्ता तो न ही रहा होता इस धरती पे एक जीवन की बूंद, या ज़माने की कोई चिंगारी! तो फिर क्या कहूँ विधाता को...

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हमेशा हमारा लगता है कोई ???

हमेशा हमारा लगता है कोई वो तो है बस मेरा अपना | मुस्कराहट में मुरछाया काली जैसे नींदों में खुली परछाई जैसे || कभी इंतज़ार कर लेता मुझे वो कभी बेकरार करवट लेता मुझे...

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दिया

  कुछ लोग आये सब तो चले गए कुछ तो बस दिये – दिखाके चले गए भटकती हूँ मैं अब भी उन गलियों के अंधेरे में कोशिश मैं सिमटे मन की आशावों को काश...

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हिंदी शायरी

  “लगने लगा प्यार अब उस हत तक गहरा  कि चाहने लगी मैं उस हत तक वो ग़म कि आसू भी जो मिले तुमसे सोच में उल्चे वो मोती भी शायद नसीब न हो...

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